किसानों ने कहा कि आज आलू के किसानों की जो हालत है. रोपाई, बुवाई, दवा का छिड़काव और खुदाई को लेकर आज आलू का लागत मूल्य ऊपर नहीं जा रहा है. साथ ही साथ कोल्ड स्टोरेज द्वारा 50 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि कर दी गई है. सरकार ने आलू को एमएसपी के दायरे में नहीं लाया गया है. इसलिए हमने आलू को सड़क पर फेंककर अपनी नाराजगी जताई है. हम सरकार से मांग करते हैं कि आलू को एमएसपी के दायरे में लाया जाए. साथ ही साथ बिहार सरकार, फसल सहायता के दायरे में किसान को प्रति एकड़ कम से कम 20 हजार रुपये दे, कोल्ड स्टोरेज के भाड़े में इजाफे को वापस लिया जाए. सरकार ने हमारी मांग पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले दिनों में हम अपने आंदोलन को और तेज करेंगे.