गेहूँ की किस्म DBW 327 (करण शिवानी) अधिक पैदावार और पोषक तत्वों से भरपूर, जानिए गेहूं की इस किस्म की खाशियत

02/11/2022 11:14:03 a.m.

Wheat Variety : वर्तमान समय में रबी सीजन शुरू हो गया है। अधिकांश राज्यों में किसानों ने अपने खेत खाली कर दिए हैं ताकि वे अगली फसल की बुवाई शुरू कर सकें। रबी मौसम में गेहूं को मुख्य फसल माना जाता है। जो देश के हर राज्य में उगाया भी जाता है। गेहूं की भी कई किस्में हैं जो समय और जलवायु के अनुसार बोई जाती हैं। इसी कड़ी में आज हम किसान भाइयों को अगेती गेहूं की किस्म DBW 327 करण शिवानी के बारे में बताने जा रहे हैं। यह विशेष किस्म 20 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच बोई जाती है।

अधिक उपज देने वाली गेहूँ की किस्म DBW 327 (करण शिवानी)

डीबीडब्ल्यू 327 की औसत उपज 79.4 क्विंटल/हेक्टेयर है और संभावित उपज 87.7 क्विंटल/हेक्टेयर है। इसे जल्दी बोने (20 अक्टूबर से 5 नवंबर) के लिए अनुशंसित है। इसे उच्च इनपुट की आवश्यकता है (अनुशंसित एनपीके का 150%)। उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में सिंचित परिस्थितियों में ग्रोथ रिटार्डेंट्स (क्लोर्मेक्वेट क्लोराइड @ 0.2% + टेबुकोनाज़ोल @ 0.1% वाणिज्यिक उत्पाद खुराक के पहले नोड और फ्लैग लीफ स्टेज पर) का छिड़काव।

रोग प्रतिरोधी किस्म

DBW 327 प्राकृतिक और कृत्रिम परिस्थितियों में स्ट्राइप और लीफ रस्ट के लिए अत्यधिक प्रतिरोधी है। इसने स्ट्राइप रस्ट की प्रमुख जातियों के विरुद्ध प्रतिरोध भी प्रदर्शित किया है। इस किस्म ने करनाल बंट के खिलाफ बेहतर प्रतिरोध दिखाया है।

DBW 327 किस्म इन क्षेत्रों के लिए है उपयोगी

उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर डिवीजनों को छोड़कर) और पश्चिमी यूपी (झांसी डिवीजन को छोड़कर), जम्मू और कश्मीर (जम्मू और कठुआ जिला) के कुछ हिस्सों और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों (उना जिला और पांवटा घाटी) और उत्तराखंड (तराई क्षेत्र) के लिए सिफारिश हैं।

DBW 327 गेहूं की खाशियत

•             गेहूं की इस किस्म का औसत उत्पादन  79.4 क्विंटल से लेकर 87.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक रहेगा।

•             यह किस्म सूखे के प्रति सहनशील है, उच्च तापमान में भी उच्छा उत्पादन देती है।

•             गेहूं की इस खास किस्म में बुवाई के 98 दिनों में बालियां निकल जाती है।

•             DBW 327 गेहूं के पौधों कि ऊंचाई 98 सेमी है।

•             DBW 327 गेहूं के 1000 दानों का वजन 48 ग्राम होता है।

•             गेहूं की यह खास किस्म बुवाई के 155 दिनों बाद पककर तैयार हो जाती है।

•             डीबीडब्ल्यू-327- ये किस्म चपाती के लिए अच्छी मानी गई है। इस किस्म में आयरन की मात्रा 39.4 पीपीएम तथा जिंक की मात्रा 40.6 पीपीएम है। साथ ही यह अधिक उपज देने वाली गेहूं की क़िस्म है।

इस किस्म की सबसे खास बात यह है कि इसका उपयोग चपाती बनाने के लिए किया जाता है। बाजार में इसकी मांग सदैव रहती है। यह अन्य किस्मों की तुलना में अधिक पैदावार करती है। यह पोट्रिनयुक्त मानी जाती है। अर्थ के लिहाज से भी यह किस्म किसानों के लिए काफी उपयोगी मानी जाती है।