जूट(फसल की कटाई)
जूट के पौधों की कटाई टाइम पर की जानी जरूरी होती है। क्योंकि टाइम से पहले या बाद में इसकी कटाई करने से जूट की गुणवत्ता में कमी देखने को मिलती है। जिसका असर इसकी पैदावार पर होता है। समय से पहले काटने पर जूट के रेशे छोटे बनते हैं। जबकि देरी से काटने पर रेशे मोटे और कमजोर हो जाते हैं। कुछ किसान भाई इसकी कटाई ना कर इसे जड़ सहित उखाड़ लेते हैं।
उचित टाइम पर कटाई करने के बाद इसके पौधों की छटाई की जाती है। छटाई के दौरान असमान लम्बाई वाले पौधों को अलग कर उनके अलग अलग बंडल बनाकर तैयार कर लिए जाते हैं। जिससे हर बंडल में एक समान लम्बाई वाले पौधे बच जाते हैं। उसके बाद इन बंडलों को दो से तीन दिन तक खेत में पत्तियों के सूखने तक छोड़ देते हैं। पत्तियों के सूखने के बाद उन्हें झाड़ दिया जाता हैं।
31/03/2023 05:39:31 p.m.