जूट(जलवायु)
जूट की खेती हल्की बलुई दोमट मिट्टी में की जाती है, तथा जल भराव वाली भूमि में इसकी खेती न करे। क्योकि अधिक समय तक पानी भरा रहने पर पौधे नष्ट होने लगते है। खेती के लिए भूमि सामान्य P.H. मान वाली हो। जूट का पौधा आद्र और गर्म जलवायु वाला होता है। जिस वजह से इसके पौधों को सामान्य बारिश की जरूरत होती है। लेकिन असामान्य बारिश पैदावार के लिए हानिकारक होती है। जूट की पैदावार गर्मी और बारिश के मौसम में की जाती है, जिस कारण फसल पर सर्दी का प्रभाव नहीं देखने को मिलता है। पटसन का पौधा 20 से 25 डिग्री तापमान अंकुरित होता है, तथा अंकुरण के बाद यह 35 डिग्री तक तापमान सहन कर सकता है।
31/03/2023 05:32:30 p.m.