टमाटर(रोपण)
बीज की मात्रा
एक एकड़ में पनीरी उगाने के लिए 100 ग्राम बीज की मात्रा का प्रयोग करें।
बीज का उपचार
फसल को मिट्टी से होने वाली बीमारियों और कीड़े मकौड़ों से बचाने के लिए बीजों को बिजाई से पहले थीरम 3 ग्राम या कार्बेनडाज़िम 3 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचार करें। इसके बाद टराइकोडरमा 5 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचार करें। बीज को छांव में रख दें और फिर बिजाई के लिए प्रयोग करें।
फंगसनाशी/कीटनाशी दवाई
मात्रा (प्रति किलोग्राम बीज)
Carbendazim 3 gm
Thiram 3 gm
बिजाई से एक महीना पहले मिट्टी को धूप में खुला छोड़ दें। नर्सरी में बीजों को 1.5 सैं.मी. चौड़े और 20 सैं.मी. ऊंचे बैडों पर बोयें। बिजाई के बाद बैडों को प्लास्टिक शीट से ढक दें और फूलों को पानी देने वाले डब्बे से रोज़ सुबह बैडों की सिंचाई करें। रोगाणुओं के हमले से फसल को बचाने के लिए नर्सरी वाले बैडों को अच्छे नाइलोन के जाल से ढक दें।
पनीरी लगाने के 10-15 दिन बाद 19:19:19 के साथ सूक्ष्म तत्वों की 2.5-3 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। पौधों को तंदरूस्त और मजबूत बनाने के लिए बिजाई के 20 दिन बाद लीहोसिन 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी की स्प्रे करें। प्रभावित पौधों को खेत में से उखाड़ दें ताकि पौधों का फासला सही रखा जा सके और निरोग पौधों को रोगाणुओं से भी बचाया जा सके। रोगाणुओं से बचाव के लिए मिट्टी में नमी बनाये रखें। यदि सोका दिखे तो पौधों को बिजाई से पहले मैटालैक्सिल 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में 2-3 बार भिगोयें।
बिजाई से 25-30 दिन बाद पनीरी वाले पौधे तैयार हो जाते हैं और इनके 3-4 पत्ते निकल आते हैं। यदि पौधों की आयु 30 दिन से ज्यादा हो तो इसके उपचार के बाद इसे खेत में लगायें। पनीरी उखाड़ने के 24 घंटे पहले बैडों को पानी लगायें ताकि पौधे आसानी से उखाड़े जा सकें।
फसल को शुरूआती विकास के समय मुरझाने के लिए नए पौधों को स्ट्रैपटोसाइकलिन घोल 1 ग्राम 40 लीटर पानी में मिलाकर बिजाई से पहले 30 मिनट के लिए भिगोयें।
31/03/2023 04:45:21 p.m.