ज्वार(सिंचाई)
अच्छी पैदावार के लिए फूल निकलने के समय और दानों के बनने के समय सिंचाई करें। कई बार सिंचाई नाज़ुक हालात पैदा कर देती है। खरीफ में बारिश के अनुसार 1 से 3 बार सिंचाई की जा सकती है। रबी और गर्मी के समय आवश्यक हालातों में सिंचाई की जानी चाहिए। यदि पानी की कमी हो, तो पानी फूल बनने से पहले और फूल बनने के समय लगाएं। ज्वार की फसल गर्मी के दिनों में बोई जाती हैं। यह उच्च गर्मी सहन करने वाली फसल है। इसकी फसल के लिए सामान्य सिंचाई उपयुक्त होती है। ज्वार की फसल को तीन से चार सिंचाई की जरूरत होती है। जबकि इसकी खेती हरे चारे के लिए की गयी खेती है, तो इसके पौधों को अधिक पानी की जरूरत होती है। इस दौरान पौधों को 4 से 5 दिन के अंतराल में पानी देना होता है। ताकि पौधा ठीक तरह से विकास कर सके, और फसल कम समय में कटाई के लिए तैयार हो जाए।
25/04/2023 04:39:29 p.m.