ज्वार(आम जानकारी)
यह भारत के अनाजों में तीसरी महत्तवपूर्ण फसल है। यह फसल चारे के लिए और कईं फैक्टरियों में कच्चे माल में प्रयोग की जाती है। यू एस ए और अन्य कईं देशों में इसका प्रयोग होता है। यू एस ए ज्वार की पैदावार में सबसे आगे है। भारत में महांराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात, तामिलनाडू, राज्यस्थान और उत्तर प्रदेश इस फसल के मुख्य प्रांत हैं। यह खरीफ ऋतु की चारे की मुख्य फसल है। भारत में ज्वार की खेती मोटे दाने वाली अनाज फसल और हरे चारे के रूप में की जाती है, अन्न के लिये नहीं। पशुओं के चारे के रूप में ज्वार के सभी भागों का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक प्रकार की जगली घास है, जिसकी बाली के दाने मोटे अनाजों में गिने जाते हैं। ज्वार (संस्कृत रू यवनाल, यवाकार या जूर्ण) एक प्रमुख फसल है। ज्वार कम वर्षा वाले क्षेत्र में अनाज तथा चारा दोनों के लिए बोई जाती हैं। ज्वार जानवरों का महत्वपूर्ण एवं पौष्टिक चारा हैं। भारत में यह फसल लगभग सवा चार करोड़ एकड़ भूमि में बोई जाती है। ज्वार कई प्रकार की होती है जिनके पौधों में कोई विशेष भेद नहीं दिखाई पड़ता। ज्वार की फसल दो प्रकार की होती है, एक रबी, दूसरी खरीफ। मक्का भी इसी का एक भेद है। इसी से कहीं कहीं मक्का भी ज्वार ही कहलता है। ज्वार को जोन्हरी, जुंडी आदि भी कहते हैं। ज्वार की खेती सिंचित और असिंचित दोनों जगहों पर की जा सकती है।
25/04/2023 04:34:20 p.m.