ज्वार(वानस्पतिक नाम)
सौरघम वल्गेयर,
- ज्वार की प्रोटीन में लाइसीन अमीनो अम्ल की मात्रा2 से 20.4% तक पायी जाती हैं जो पौष्टिकता की दृष्टी से बहुत कम हैं।
- ज्वार में ल्यूसीन अमीनो अम्ल की मात्रा अधिक होने के कारन ही ज्वार खाने वाले लोगो में पैलाग्र (Pellangra) नामक बीमारी का प्रकोप होता हैं।
- ज्वार के आटे का प्रयोग जिप्सम बोर्ड बनाने में चिपकाने (Adhesive) के कम आता हैं।
- ज्वार के पौधों में हइड्रोसायनिक अम्ल (HCN) उत्पन होता हैं।
- HCN विष पौधे की छोटी अवस्था में ज्यादा होता हैं| इस अवस्था में पशुओं को ज्वार का चारा नहीं खिलाना चाहिए।
- वर्षा या अधिक सिंचाई से पौधों में HCN कि सांद्रता कम हो जाती हैं।
ज्वार में नाइट्रोजन के कारन HCN प्रतिशत बढती हैं, निचे की पतियों की अपेक्षा ऊपरी पतियों में HCN की मात्रा अधिक होती हैं।
25/04/2023 04:32:48 p.m.