आलू(फसल की कटाई)
डंठलों की कटाई : आलुओं को विषाणु से बचाने के लिए यह क्रिया बहुत जरूरी है और इससे आलुओं का आकार और गिणती भी बढ़ जाती है। इस क्रिया में सही समय पर पौधे को ज़मीन के नज़दीक से काट दिया जाता है। इसका समय अलग अलग स्थानों पर अलग है और चेपे की जनसंख्या पर निर्भर करता है। उत्तरी भारत में यह क्रिया दिसंबर महीने में की जाती है।
पत्तों के पीले होने और ज़मीन पर गिरने से फसल की पुटाई की जा सकती है। फसल को डंठलों की कटाई के 15-20 दिन बाद ज़मीन की नमी सही होने से उखाड़ लें। पुटाई ट्रैक्टर और आलू उखाड़ने वाली मशीन से या कही से की जा सकती है। पुटाई के बाद आलुओं को सुखाने के लिए ज़मीन पर बिछा दें और 10-15 दिनों तक रखें ताकि उन पर छिल्का आ सके। खराब और सड़े हुए आलुओं को बाहर निकाल दें।
29/03/2023 05:44:17 p.m.