सेब(रोपण)
सेब की बागवानी या खेती के लिए पौधे एक साल पुराने और बिल्कुल स्वस्थ होने चाहिए। सेब के पौधों का रोपण गड्ढों में किया जाता है। एक गड्ढे से दूसरे गड्ढे की दूरी और गहराई की जानकारी आपको ऊपर दे दी गई है। इन गड्ढ़ों के बीच एक छोटा सा गड्ढा तैयार कर उसे गौमूत्र से उपचारित करना चाहिए। इसके बाद सेब के पौधों का इन गड्ढों में रोपण करना चाहिए। रोपण के बाद जड़ों की नमी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए गड्ढों में मिट्टी के साथ नारियल के छिलके भी डाल सकते हैं। पौधरोपण का उचित समय जनवरी व फरवरी माह है।
इस समय पौधों को उचित वातावरण मिलता है, जिससे वे समुचित विकास करते हैं। सेब के पौधों के विकास के लिए जरूरी है कि पौधा ऐसी जगह पर हो जहां सूर्य का प्रकाश माह में औसत 200 घंटे पर्याप्त मात्रा में सीधे पौधे को प्राप्त हो। यहां आपको बता दें कि फूल खिलते समय मार्च माह से अप्रैल माह में बारिश का और तापमान में उतार-चढ़ाव का भी सेब उत्पादन पर वितरित प्रभाव पड़ता है।
21/04/2023 12:31:51 p.m.