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प्रसिद्ध किस्में और पैदावार

सेब(प्रसिद्ध किस्में और पैदावार)

शीघ्र पकने वाली सेब की किस्में :

सेब की शीघ्र पकने वाली किस्मों में टाइडमैन अर्ली वारसेस्टर, अर्ली शनवरी, चौबटिया प्रिंसेज, चौबटिया अनुपम, रेड जून, रेड गाला, फैनी, विनोनी आदि शामिल हैं। ये किस्में जुलाई से अगस्त माह में पक जाती है।

 

मध्य में पकने वाली सेव की किस्में :

अगस्त से सितंबर माह में पकने वाली सेव की किस्मों को मध्य में पकने वाली किस्में माना जाता है। इनमें मुख्यरूप से रेड डेलिशियस, रायल डेलिशियस, गोल्डन डेलिशियस, रिच-ए-रेड, रेड गोल्ड, रेड फ्यूजी, जोनाथन आदि शामिल है।

 

देर से पकने वाली सेब की किस्में :

सितंबर से अक्टूबर माह में पकने वाली किस्में सेब की देर से पकने वाली किस्में मानी जाती है। इनमें रायमर, बंकिघम, गेनी स्मिथ आदि किस्में शामिल है।

 

सेव की शंकु किस्मे

सेव का जल्दी फल देने वाली व छोटा वृक्ष वाली शंकु किस्मों का प्रचलन कुछ सालों में ज्यादा तेजी से बढ़ा है। इसकी अधिकांश खेती हिमाचल प्रदेश में की जाती है। इन किस्मों में रेड चीफ, आर्गन स्पर, समर रेड, सिल्वर स्पर, स्टार स्पर रेड आदि मुख्य है।

 

परागण किस्में :

सेब की खेती में परागण का बहुत अधिक महत्व है। सेब पर परागण द्वारा फल बनते हैं, इसलिए मुख्य किस्मों के साथ परागण किस्में लगाई जानी चाहिए। यहां आपको बता दें कि शीघ्र पकने वाली किस्मों के लिए टाइडमैन अल वारसेस्टर, मध्य समय में तैयार होने वाली डेलिशियस वर्ग की किस्मों के लिए गोल्डन डेलिशियस, गोल्डन स्पर, रेड गोल्ड आदि परागकारी किस्मों का प्रयोग करना सबसे उचित रहता है।

पुष्प वाली किस्में :

पुष्प वाली किस्मों से भी सेब के खेत में परागण क्रिया को प्रभावी बनाया जा सकता है। लंबे समय तक पुष्पन व अधिक मात्रा में पुष्प देने वाले सेब की जंगली किस्मों में मन्चूरियन, स्नो ड्रिफ्ट गोल्डन हॉर्नेट आदि किस्में शामिल है जो मधुमक्खियों को आकर्षित करने में अधिक सक्षम है। इनका प्रयोग करना अधिक फायदेमंद रहता है। प्रति हेक्टेयर बगीच में छह से सात मधुमक्खियों के डिब्बे अच्छे परागण के लिए उचित माने गए हैं।

21/04/2023 07:00:21 a.m.