आम(पौधे की देखभाल)
हानिकारक कीट ओर रोकथाम
मिली बग : यह फल, पत्ते, शाखाओं और तने का रस चूसकर फसल को नुकसान पहुंचाता है। इसका हमला आमतौर पर जनवरी से अप्रैल के महीने में देखा जाता है। प्रभावित हिस्से सूखे और फफूंदी से भरे दिखते हैं।
इसे रोकने के लिए, 25 सैं.मी. चौड़ी पॉलीथीन (400 गेज) शीट तने के आस पास लपेट दें ताकि नवंबर और दिसंबर के महीने में मिली बग के नए बच्चों को अंडों में से बाहर निकलने से रोका जा सके। यदि इसका हमला दिखे तो एसीफेट 2 ग्राम प्रति लीटर और स्पाइरोटैटरामैट 3 मि.ली. को प्रति लीटर पानी की स्प्रे करें।
आम का टिड्डा : इसका हमला ज्यादातर फरवरी-मार्च के महीने में, जब फूल निकलने शुरू हो जायें , तब होता है। यह फलों और पत्तों का रस चूसते हैं। प्रभावित फूल चिपचिपे हो जाते हैं और प्रभावित हिस्सों पर काले रंग की फफूंदी दिखाई देती है।
यदि इसका हमला दिखे तो साइपरमैथरिन 25 ई सी 3 मि.ली. या डैलटामैथरिन 28 ई सी 9 मि.ली. या फैनवैलारेट 20 ई सी 5 मि.ली. या नींबीसाइडिन 1000 पी पी एम 20 मि.ली. को 10 लीटर पानी में मिलाकर पूरे वृक्ष पर स्प्रे करें।
फल की मक्खी : यह आम की एक गंभीर मक्खी है। मादा मक्खियां फल के ऊपरले छिल्के पर अंडे देती हैं। बाद में यह कीड़े फलों के गुद्दे को खाते हैं जिससे फल सड़ना शुरू हो जाता है और झड़ जाता है।
प्रभावित फलों को खेत से दूर ले जाकर नष्ट कर दें। फल बनने के बाद, मिथाइल इंजेनोल 0.1 प्रतिशत के 100 मि.ली. के रासायनिक घोल के जाल लटका दें। मई महीने में क्लोरपाइरीफॉस 20 ई सी 2 मि.ली. प्रति लीटर पानी की स्प्रे 20 दिनों के फासले पर तीन बार करें।
बीमारियां और रोकथाम
धब्बा रोग : फलों और फूलों के भागों पर सफेद पाउडर जैसे धब्बों का हमला देखा जा सकता है। ज्यादा गंभीर हालातों में फल या फूल झड़ने शुरू हो जाते हैं। इसके साथ साथ फल, शाखाओं और फूल के भाग शिखर से सूखने के लक्षण भी नज़र आने लगते हैं।
फूल निकलने से पहले, फूल निकलने के समय और फलों के गुच्छे बनने के बाद, 1.25 किलो घुलनशील सल्फर को 500 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। जरूरत पड़ने पर 10-15 दिनों के बाद दोबारा स्प्रे करें। यदि खेत में इसका हमला दिखे तो 178 प्रतिशत इमीडाक्लोप्रिड 3 मि.ली. को हैक्साकोनाज़ोल 10 मि.ली. प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर या ट्राइमॉर्फ 5 मि.ली. या कार्बेनडाज़िम 20 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।
तना छेदक : यह आम का एक गंभीर कीड़ा है। यह वृक्ष की छाल के नीचे सुरंग बनाकर इसके टिशू खाता है, जिस कारण वृक्ष नष्ट हो जाता है। लार्वे का मल सुरंग के बाहर की ओर देखा जा सकता है।
इसका हमला दिखे तो सुरंग को सख्त तार से साफ करें। फिर रूई को 50:50 के अनुपात में मिट्टी के तेल और क्लोरपाइरीफॉस में भिगोकर इसमें डालें। फिर इसे गारे से बंद कर दें।
एंथ्राक्नोस : शाखाओं पर गहरे-भूरे या काले धब्बे नज़र आते हैं। फलों पर भी छोटे, उभरे हुए, गहरे दाग दिखाई देते हैं।
इसकी रोकथाम के लिए प्रभावित हिस्सों को काट दें और कटे हिस्से पर बोर्डो पेस्ट लगाएं। बोर्डिऑक्स मिश्रण 10 ग्राम प्रति लीटर पानी की स्प्रे करें। यदि खेत में इसका हमला दिखे तो कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 30 ग्राम प्रति 10 लीटर की स्प्रे प्रभावित वृक्ष पर करें। यदि नए फूल पर एंथ्राक्नोस का हमला दिखे तो थायोफोनेट मिथाइल 10 ग्राम या कार्बेनडाज़िम 10 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी की स्प्रे करें।
ब्लैक टिप : फल पकने से पहले असाधारण तरीके से शिखरों पर से लंबे हो जाते हैं।
फूल निकलने से पहले और निकलने के समय, बोरैक्स 6 ग्राम प्रति लीटर पानी + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 3 ग्राम प्रति लीटर पानी की स्प्रे तीन बार 10-15 दिनों के फासले पर करें।
20/04/2023 05:11:11 p.m.