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पौधे की देखभाल

सोयाबीन(पौधे की देखभाल)

समेकित रोग प्रबंधन

रोग प्रबंधन वह पद्धति है जिसमें सभी उपलब्ध रोग नियंत्रण के निम्न तरीकों को एकीकृत किया जाकर रोग को गर्मी में गहरी जुता,संतुलित उवर्रक प्रबंधन, सही किस्मों का चयन, बुआई का समय ,बीज दर पौध संख्या, जल प्रबंधन, रोग ग्रस्त फसल अवशेषों को नष्ट करना,कोलेट्रल विकल्प परपोशी पोधो का निष्कासन, खरपतवार नियंत्रण,फसल चक्रव अंतरवर्तीय फसल,प्रतिरोधी किस्मों का प्रयोग

पत्ती धब्बा एवं ब्लाइट:

नियंत्रण हेतु कार्बेन्डाजिम या थायोफिनेट मिथाईल का 0.05: (50 ग्रा./100 ली पानी)के घोल का 35-40 दिन में छिड़काव करें

बेक्टेरियरल पश्चूल:

नियंत्रण हेतु रोग रोधी किस्में जैसे एन.आर.सी.-37 का प्रयोग करें रोग का लक्षण दिखाई देने पर कासुगामाइसिन का 0.2: (2 ग्राम/ली.) घोल का छिड़काव करें

गेरूआ :

  • यह एक फफूंदजनित रोग है जो प्रायः फूल की अवस्था में देखा जाता है जिसके अन्तर्गत छोटे-छोटे सूई के नोक के आकार के मटमेले भूरे लाल भूरे सतह से उभरे हुए धब्बे के रूप में पत्तीयों की निचली सताह पर समूह के रूप में पाये जाते है धब्बों के चारों ओर पीला रंग होता है पत्तीयों को थपथपाने से भूरे रंग का पाउडर निकलता है
  • रोग रोधी किस्में जैसे जे.एस. 20-29, एन.आर. सी 86 का प्रयोग करें
  • रसायनिक नियंत्रण के अन्तर्गत हेक्साकोनाजोल या प्रोपीकोनाजोल 800 मि.ली. /हे. का छिड़काव करें

चारकोल रोट :

  • यह एक फफूंदजनित रोग है इस बीमारी से पौधे की जड़े सड़ कर सूख जाती है पौधे के तने का जमीन से ऊपरी हिस्सा लाल भूरे रंग का हो जाता है। पत्तीयां पीली पड़ कर पौधे मुरझा जाते हैं रोग ग्रसित तने जड़ के हिस्सों के बाहरी आवरण में असंख्य छोटे-छोटे काले रंग के स्केलेरोशिया दिखाई देते हैं
  • रोग सहनशील किस्में जैसे जे.एस. 20-34 एवं जे.एस 20-29,, जे एस 97-52, एन.आर.सी. 86 का उपयोग करें
  • रसायनिक नियंत्रण के अन्तर्गत थायरम कार्बोक्सीन 2:1 में 3 ग्राम या ट्रायकोडर्मा विर्डी 5 ग्राम /किलो बीज के मान से उपचारित करें

ऐन्थ्रेक्नोज फली झुलसनः

  1. 1.   यह एक बीज एवं मृदा जनित रोग है सोयाबीन में फूल आने की अवस्था में तने, पर्णवृन्त फली पर लाल से गहरे भूरे रंग के अनियमित आकार के धब्बे दिखाई देते है बाद में यह धब्बे फफूंद की काली सरंचनाओं (एसरवुलाई) छोटे कांटे जैसी संरचनाओं से भर जाते है पत्तीयों पर शिराओं का पीला-भूरा होना, मुड़ना एवं झड़ना इस बीमारी के लक्षण है
  2. रोग सहनशील किस्में जैसे एनआरसी 7 12 का उपयोग करें
  3. बीज को थायरम कार्बोक्सीन या केप्टान 3 ग्राम /कि.ग्रा. बीज के मान से उपचारित कर बुवाई करें

04/04/2023 05:08:51 p.m.