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खरपतवार नियंत्रण

सोयाबीन(खरपतवार नियंत्रण)

सोयाबीन में खरपतवार नींदा प्रबंधन :-

खरपतवारों को सोयाबीन फसल में निम्न विधियों द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है:

  1. कर्षण विधि
  2. यांत्रिकी विधि
  3. रसायनिक विधि

यांत्रिक विधि :-

 

फसल को 30-45 दिन की अवस्था तक नींदा रहित रखें । इस हेतु फसल उगने के पश्चात डोरे/कुलपे चलावे ।

रासायनिक विधि से नियंत्रण

  1. बोवनी के पूर्व उपयोगी (पीपीआई) :- सोयाबीन की फसल की बुवाई से पहले खरपतवार के नियंत्रण के लिए फ्लुक्लोरेलीन तथा ट्राईफ्लूरेलीन का उपयोग कर सकते है | इसकी 2.22 ली. प्रति हैक्टेयर की दर से उपयोग कर सकते हैं |
  2. बोवनी के तुरन्त बाद(पीआई) :- बुवाई के बाद खरपतवार की नियंत्रण के लिए किसान मेटालोक्लोर (2.00 ली./हैक्टेयर), क्लोमाझोन (2.00 ली./हैक्टेयर), पेण्डीमिथालीन (3.25 ली./हैक्टेयर) तथा डाइक्लोसुलम (26 ग्राम /हैक्टेयर) का उपयोग कर सकते हैं |

15 से 20 दिन की फसल में में खरपतवार नियंत्रण के लिए इमेजाथायपर (1लि./हैक्टेयर), क्विजालोफाप इथइल (1 लि./ हैक्टेयर), फेनाक्सीफाप-पी-इथइल (0.75 ली./हैक्टेयर) तथा हेलाक्सीफाप (135 मिली. / हैक्टेयर) का उपयोग करें|

04/04/2023 05:01:40 p.m.