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बिजाई और बुबाई

सोयाबीन(बिजाई और बुबाई)

किसानों को सोयाबीन की बुवाई पंक्तियों में करनी चाहिए ।जिससे फसलों का निराई करने में आसानी होती है। किसानों को सीड ड्रिल से बुवाई करना चाहिए जिससे बीज एवं उर्वरक का छिडक़ाव साथ में किया जा सके। सोयाबीन की बुआई फरो इरिगेटेड रेज्ड बैड पद्धति या ब्राड बैड पद्धति (बी.बी.एफ) से करनी चाहिए। इस पद्धति से बुआई करने के लिए परंपरागत विधि की अपेक्षा थोड़ी सी अधिक लागत द्वारा लाभ को बढ़ाया जा सकता है। विपरीत परिस्थितयां जैसे-अधिक या कम वर्षा की स्थिति में भी सोयाबीन फसल में इसके द्वारा अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। इस विधि में प्रत्येक दो पंक्ति के बाद एक गहरी एवं चौड़ी नाली बनती है।जिससे अधिक वर्षा की स्थिति में वर्षा जल इन नालियों के माध्यम से आसानी से खेत से बाहर निकल जाता है। और फसल ऊंची मेड पर रहने के कारण सुरक्षित बच जाती है। जबकि समतल विधि में अधिक में वर्षा होने पर खेत में पानी भर जाता है। और फसल खराब हो जाती है। इसी प्रकार कम वर्षा की स्थिति में इन गहरी नालियों में वर्षा जल संग्रहित होता है। और पौधे को नमी प्राप्त होते रहती है। जिससे पौधों में पानी की कमी नहीं होती। इसके साथ ही साथ चौड़ी नाली के कारण प्रत्येक पंक्ति को सूर्य की रोशनी एवं हवा पर्याप्त मात्रा में मिलती है। पौधों के फैलाव के लिए अधिक जगह मिलती है। जिससे पौधों की शाखाओं में वृद्धि होती है ।तथा अधिक मात्रा में फूल एवं फलियां बनती हैं और परिणामस्वरूप उत्पादन में वृद्धि होती है।

 

सोयाबीन की बुवाई 45 सेमी से 65 सेमी की दूरी पर सीड ड्रिल की सहायता से या हल के पीछे खूंट से करनी चाहिए।  कतारों में सोयाबीन की बुवाई करते समय कम फैलने वाली प्रजातियों जैसे जे.एस. 93-05, जे.एस. 95-60 इत्यादि के लिए बुवाई के समय कतार से कतार की दूरी 40 से.मी. रखें। वहीं अधिक फैलनेवाली किस्में जैसे जे.एस. 335, एन.आर.सी. 7, जे.एस. 97-52 के लिए 45 से.मी. की दूरी रखनी चाहिए। वहीं पौधे से पौधे की दूरी 4 सेमी से 5 सेमी. तक होनी चाहिए। इसकी बुवाई 3-4 से.मी. गड्डे से ज्यादा नही होनी चाहिए।

04/04/2023 04:57:53 p.m.