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प्रसिद्ध किस्में और पैदावार

सोयाबीन(प्रसिद्ध किस्में और पैदावार)

भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान ने चार सोयाबीन किस्मों का विकास किया है।जैसे एनआरसी 2 (अहिल्या 1), एनआरसी -12 (अहिल्या 2), एनआरसी -7 (अहिल्या 3) और एनआरसी -37 (अहिल्या 4) है। इसके अलावा संस्थान ने कई किस्मों जैसे-जेएस 93-05, जेएस 95-60, जेएस 335, जेएस 80-21, एनआरसी 2, एनआरसी 37, पंजाब 1 कलितुर को उच्च बीज लॉजिविटी के साथ विकसित किया गया है। इसके अलावा एम. ए.सी.एस.भारतीय वैज्ञानिकों ने सोयाबीन की एक नई किस्म जो अधिक उपज देने वाली और कीट प्रतिरोधी किस्म एमएसीएस 1407 विकसित की है। यह नई किस्म असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर राज्यों में खेती के लिए उपयुक्त बताई जा रही है। इसके बीज वर्ष 2022 के खरीफ के मौसम के दौरान किसानों को बुवाई के लिए उपलब्ध कराएं जाएंगे। यह किस्म से उपज में 17 से प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। इस किस्म से प्रति हेक्टेयर में 39 क्विंटल का पैदावार ली जा सकती है। इसकी बुवाई का उचित समय 20 जून से 5 जुलाई है। इसके बीजों में 19.81 प्रतिशत तेल की मात्रा है।

04/04/2023 04:54:23 p.m.